*🌷ओम् द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नमः”.. शुक्र मंत्र के इस पाठ का प्रतिदिन जाप करें एक माला*
*ओम् दुँ दुर्गायै अमुकं ( सौतन का नाम ) उच्चाटय उच्चाटय शीघ्रं सर्व शत्रु बाधा नाशय नाशय फट्*
*इस मंत्र का जाप करें | जाप आरंभ कर अष्टमी को किसी भी कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली | इसे आप किसी शनिवार को भी कर सकते हैं | रात्रि के ग्यारह बजे के उपरांत इस जाप को आरंभ करें* *इसके लिए सबसे पहले शुद्ध होकर आप अपने सामने स्थापित करें श्री दुर्गा यंत्र को | स्वयं लाल वस्त्र को धारण करें और आसन भी लाल रंग का ही रखें | अपना मुख दक्षिण दिशा की तरफ रखें | फिर थोड़ा सा जल अपने हाथ में लेकर यह संकल्प करें कि, “मैं अमुक (अपना नाम) साधक, आमुक (सौतन या जिससे पीछा छुटाना हो का नाम ) स्त्री से अपने पती/प्रेमी/प्रेमिका के प्रति उच्चाटन के लिए यह साधना कर रही/रहा हूं | आपने आने वाले भविष्य में मेरे परिवार या मेरी सुख और शांति को कोई भी तरह से खत्म ना कर सकें | जय माता दुर्गा ,मुझे आशीर्वाद दो |” यह संकल्प करने के बाद हाथ में लिए हुए जल को जमीन पर गिरा दें | अगर संभव है तो जिससे अपने प्रिय का पीछा छुड़ाना हो उसकी तस्वीर को अपने सामने रखें | यह सब करने के बाद एक मूंगें की माला द्वारा ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करें पांच माला | इस साधना को लगातार सात दिनों तक करें | उसके बाद दुर्गा यंत्र को स्थापित कर दें अपने पूजा स्थल पर | चित्र और मूंगे की माला को गड्ढा खोडकर जमीन के नीचे दबा दें किसी सुनसान जगह में उसके बाद मां दुर्गा का एक छोटा सा हवन भी करें शीध्र ही फल की प्राप्ति होगी*
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*अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें*
*राष्ट्रीय धर्माचार्य पं जगदीश भारद्वाज*
*दुर्गा उपासक वास्तु शास्त्री ज्योतिषाचार्य*mantartantrasamadhan@gmail.com
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