मंत्र- ॐ ह्रीं रक्तचामुंडे कुरु कुरु अमुकी मे वशमानय स्वाहा !!
विधि-1. लवण , तिल , दूध , शहद, घी से सात दिन तक हवन करने वाला साधक भी तिलोतमा जैसी सुंदरी को वशीभूत करने में समर्थ हो जाता हैं !
2. सरसों, नमक, दूध, शहद, घी से सात दिन तक हवन करने वाला साधक रूपवती नारी को भी वशीभूत कर लेता हैं !
विधि-1. लवण , तिल , दूध , शहद, घी से सात दिन तक हवन करने वाला साधक भी तिलोतमा जैसी सुंदरी को वशीभूत करने में समर्थ हो जाता हैं !
2. सरसों, नमक, दूध, शहद, घी से सात दिन तक हवन करने वाला साधक रूपवती नारी को भी वशीभूत कर लेता हैं !

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