सोमवार, 2 सितंबर 2019

संकट मुक्ति हनुमान साधना


*🙏जय मां दुर्गे  आज हम हनुमान जी महाराज के मंत्र के बारे में आपको अपने ज्ञान के अनुसार छोटी जानकारी देना चाहते हैं कलयुग में हनुमान जी महाराज प्रत्यक्ष भूमि पर निवास करते हैं हनुमान जी महाराज अजर अमर है मां भगवती राजराजेश्वरी सीता मैया उन्हें वरदान प्राप्त है अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता भी भगवान शिव के 11 अवतार हैं इसलिए हनुमान जी की विधि और विधान के साथ अनुष्ठान किया जाए या किसी योग्य पंडित से करवाया जाए विश्वास और  श्रद्धा के साथ तो अवश्य आपके कार्य में सिद्धि होकर मनोरथ पूर्ण होगा उसका एक प्रयोग मंत्र आपको गुरु कृपा से यहां मैं बताने जा रहा हूं इसका प्रयोग करने से  शक्ल कामना में सिद्धि होती है उसके द्वारा कुछ प्रयोग भी किए जा सकते हैं जो मैं आपको नीचे लिख रहा हूं  यह हनुमान जी महाराज की अचूक प्रयोग है इसलिए किसी योग्य गुरु के आदेश अनुसार करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा क्योंकि बिना गुरु के कोई भी कार्य संभव  नहीं होता इस अनुष्ठान में तन मन से स्वच्छ रहना आवश्यक है ब्रह्मचर्य पालन भी करना आवश्यक है*

*🌷रोग, ग्रहदोष, शत्रुपीड़ा, ऊपरी बाधा आदि से मुक्ति और शत्रु पर विजय कोर्ट कचहरी मुकदमे में विजय हेतु प्रयोग*
*मंत्र*-

*🌷1-ऊँ ऐं श्रीं ह्रीं ह्रीं हं ह्रौं ह्रः ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत-पिशाच ब्रह्म राक्षस शाकिनी डाकिनी यक्षिणी पूतना मारी-महामारी राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकान् क्षणेन हन हन, भंजय भंजय मारय मारय, शिक्षय शिक्षय महा-महेश्वर रुद्रावतार ऊँ हुम् फट स्वाहा। ऊँ नमो भगवते हनुमदाख्याय रुद्राय सर्व दुष्टजन मुख स्तम्भनं कुरु स्वाहा। ऊँ ह्रीं ह्रीं हं ह्रौं ह्रः ऊँ ठं ठं ठं फट् स्वाहा*

*विधि: मंगलवार को व्रत रखें और सूर्यास्त के समय पूर्ण विधि से हनुमानजी की मंदिर में पूजा करें। फिर उक्त मंत्र का  11, हजार बार जप करें और अर्धरात्रि के पश्चात् दशांश हवन करें। यह प्रयोग  11 दिन  तक करने से कार्य सिद्ध हो जाता है। प्रतिद्वंद्वी को परास्त करने के लिए इस मंत्र का विशेष महत्व है इसके द्वारा बहुत कार्य सिद्ध किए जाते हैं जिनकी कुछ जानकारी आपको मैं नीचे दे रहा हूं सिर्फ हवन सामग्री में परिवर्तन किया जाता है*


*मंत्र की प्रयोग विधि*:
*हनुमान जी के मंदिर के समीप स्थित बरगद या पीपल के वृक्ष की छोटी-छोटी चार टहनियां ले लें और उसी मंदिर में हनुमान जी के समक्ष रखकर उक्त मंत्र का एक माला (108 बार) जप करें और टहनियां घर ले आएं। अगले दिन पुनः उन टहनियों को लेकर उसी मंदिर में जाएं, 108 बार उक्त मंत्र का जप करें और पुनः वापस ले आएं। ऐसा 16 दिन करें। सत्रहवें दिन उन टहनियों को अपने घर या दुकान या कार्यालय के चारों दिशाओं में गाड़ दें। एक बार में सिर्फ चार टहनियां ही अभिमंत्रित करें। यह प्रयोग स्वयं करे, किसी अन्य व्यक्ति से न कराए*
*हनुमान जी को लाल धागे में बनी लाल फूलों की माला चढ़ाएं। फिर वहीं मंदिर में बैठकर उक्त मंत्र का तीन हजार दो सौ बार जप करें। फिर उस माला फूलों को सावधानी से निकाल कर मंदिर की दहलीज पर रख दें और लाल धागा घर ले आएं। रात्रि में 10 बजे के बाद उक्त धागे में सात बार बारी बारी से मंत्र बोलकर सात गांठ लगाएं। फिर इस माला को हाथ अथवा गले में धारण करें, संकटों से रक्षा होगी*
*एक नींबू, पांच साबुत सुपारियां, एक हल्दी की गांठ, काजल की डिबिया, 16 साबुत काली मिर्च, पांच लौंग तथा रुमाल के आकार का लाल कपड़ा घर या मंदिर में एकांत में बैठ जाएं। उक्त मंत्र का 108 बार जप करके उक्त सामग्री को लाल कपड़े में बांध लें। इस पोटली को घर या दुकान के मुख्य द्वार पर लगा दें, संकटों से मुक्ति मिलेगी। इस प्रयोग से कर्मचारियों की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है और स्थायित्व भी आ जाता है*
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 *अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें*
*राष्ट्रीय धर्माचार्य पं जगदीश भारद्वाज*
*दुर्गा पासकू वासु शास्त्री ज्योतिषाचार्य*mantartantrasamadhan@gmail.com
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