मंत्र - ओम काली काली महाकाली के पूत कंकाल भैरव हुकुम हाजिर रहे, मेरा भेजा काल करें,मेरा भेजा रक्षा करें, आन बांधू, बान बांधू, चलते फुल में जाए, कोठे जी पड़े हिल हिल गिरे, उठ उठ भगे, बक बक बके, मेरा भेजा सवा घड़ी, सवा पहर, सवा दिन, सवा मास,सवा बरस को बावला न करे तो, माता काली की सैया पर पग धरे, वाचा चुके उमा सूखे, वाचा छोड़ कुवाचा करे तो, धोबी की नांद चमार के कुंडे में पड़े, मेरा भेजा बावला न करे तो रुद्र के नेत्र की आंख की ज्वाला कढ़े, शिव की जटा टूट भूमि पर पड़े, माता पार्वती के चीर पे चोट पड़े, बिना हुकुम नहीं मारना हो काली के पूत कंकाल भैरव!!
रविवार, 2 दिसंबर 2018
भैरव सिद्धि (भैरव दर्शन मंत्र)
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