मंत्र - ह्रीं नमो ब्रम्हाश्रीराजिते राजपूजिते जय विजय गौरी गांधारी त्रिभुवन वशंकरी सर्वलोक वशंकरी, सर्व स्त्री-पुरुष वशंकरी, सु सु दु दु घे घे वा वा ह्रीं स्वाहा!
विधान -
मंत्र - ॐ कंकाली महाकाली केलि कलाभ्याम स्वाहा !! विधान -शुभ दिन से प्रारम्भ करें! ब्राम्हचार्य व्रत का पालन करते हुए,काला आसान और काले रंग...
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