*चमत्कारी वनस्पति इंद्रजाल*
*आज हम बात कर रहे हैं इंद्रजाल नामक वनस्पति की। अपने नाम के अनुरूप ही ये भी बेहद जादुई और रहस्यमयी है। बेचने वाले कहते हैं इंद्रजाल सफेद लाल और पीला तीन रंग का आता है जो गलत है या कहिये उन्हें इससे अधिक पता ही नहीं है वो सिर्फ सुनी सुनाई बातें बता रहे हैं*
*इंद्रजाल एक वनस्पति है जो समुद्रों में शैवालों मूंगे की चट्टानों और समुद्र की तलहटी में बेहद गहराई में पायी जाती है*
*ये डेढ़ दर्जन से अधिक रंगों में पायी जाती है और दुनिया भर के समुद्रों में इसकी 500 से अधिक् प्रजातियां अभी तक ज्ञात हैं*
*इसका आकार शिराओं की भांति लहरदार लकीरों के रूप में होता है। प्रजाति के अनुरूप*
*कुछ में शिराओं के मध्य समस्त स्थान खाली रहता है तो कुछ की शिराओं में रोयेंदार भराव भी होता है*
*मित्रो यह एक दिव्य वनस्पति हैं जो बहोत ही कम पायी जाती हैं , मित्रों यह वनस्पति जिसके पास होती हैं उसे तो वारेन्यारे हो जाते हैं , सुख शांति , और बरकत के मार्ग खुल जाते हैं इस वनस्पति को विशेष तंत्र प्रणाली से सिद्ध कर के घर की दिवार पर लगा दिया जाये तो भूतो प्रेतों के हमले से बचा जा सकता हैं , किसी की मुठ करनी , बाधा तंत्र मंत्र असर नहीं करता , ऊपरी परायी बला नहीं सताती एवं वास्तु दोषो का शमन करती हैं मगर वो वनस्पति सिद्ध की होनी चाहिए अन्यथा इसका इस्तेमाल एक आम लकड़ी के सामान हैं , और ज्यादा क्या लिखू इस वनपस्ति के बारे में ये वनस्पति अपने आप में दिव्यता समेटे हुए हैं। .. जब आप इसे उपयोग में लाएंगे तब आपको यकीं हो जायेगा के वाकई कुछ चीज पायी हैं हमने। .हमारे यहाँ इस वनस्पति को पूर्णतः तंत्र प्रणाली से साधक के नाम से सिद्ध कर के दिया जाता हैं*
*इसे रखने का सबसे अच्छा तरीका है इसे फ्रेम करवाकर रखना जिससे ये सुरक्षित भी रहता है और प्रभाव में कोई कमी नहीं आती*
*ये लक्ष्मी और भौतिक सुख प्रदान करने वाला माना जाता है। भारत में जहां इसे तंत्र से जोड़कर देखते हैं वहीँ पश्चिम में ये मात्र सजावट की वस्तु है पर बेहद महंगी*
*मिस्र में इसे सुख समृद्धि और उन्नति का प्रतिक माना गया है। मान्यताओं के अनुसार*
*सिद्ध इंद्रजाल को अपने पास रखने से नजरदोष, ऊपरी बाधा, नकारात्मक शक्तियों और जादू टोने का प्रभाव आदि का प्रभाव क्षीण होता है*
*यह प्रबल आकर्षण शक्ति संपन्न है*
*अभिमन्त्रित कर ताबीज़ में भर कर धारण करने से सर्वजन पर वशीकरण प्रभाव होता है*
*रवि पुष्य नक्षत्र, नवरात्र, होली दीपावली इत्यादि शुभ समय में मंत्रों से इंद्रजाल वनस्पति को मंत्रों से अभिमंत्रित कर साधक अपने कर्मक्षेत्र में और अध्यात्मिक क्षेत्र में लाभ प्राप्त कर सकता है*
*घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक शक्तियों भूत प्रेत आदि का प्रवेश नहीं होता । वास्तु दोषों का नाश होता है*
*रोगी व्यक्ति के दक्षिण दिशा में लगाने से मृत्यु भय नहीं होता और उत्तर में लगाने से स्वास्थ्य लाभ होता है*
*दुकान व्यापार स्थल के दक्षिण दिशा में लगाने से व्यापार में उन्नति होती है और दुश्मनों प्रतिद्वंदियों द्वारा किये कराये के असर से बचाव होता है*
*नोट लेकिन इसका सिद्ध होना बहुत आवश्यक है तभी यह अपना पूर्ण प्रभाव दिखा सकते हैं*
*अधिक जानकारी समस्या समाधान एवम् कुंडली विश्लेषण हेतु सम्पर्क कर सकते हैं*
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*mantartantrasamadhan@gmail.comदुर्गा उपासक वास्तु शास्त्री ज्योतिषाचार्य*
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